लेखापाल और न्याय के देवता चित्रगुप्त की महिमा
हिन्दू धर्म में चित्रगुप्त को लेखा पाल के रूप में जाना जाता है। उन्हें यमलोक का एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। वह सभी मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के बाद, चित्रगुप्त के समक्ष हमारे जीवन के सभी कर्मों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है।
चित्रगुप्त को न्याय का देवता भी माना जाता है। यह उनके लेखों के आधार पर ही है कि यमराज निर्णय लेते हैं कि मृत आत्मा को स्वर्ग, नरक या किसी अन्य लोके भेजा जाना चाहिए।
चित्रगुप्त की पूजा का महत्व
हालाँकि चित्रगुप्त की व्यापक रूप से पूजा नहीं की जाती है, फिर भी कुछ लोग विशेष रूप से लेखकों, कलाकारों और accountants द्वारा उनकी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त की कृपा से लेखन, कला और गणितीय कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
चित्रगुप्त की पूजा कैसे करें
यदि आप चित्रगुप्त की पूजा करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित आसान विधि का पालन कर सकते हैं:
- पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें।
- पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी रखें।
- चौकी पर चित्रगुप्त की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- आसन पर बैठ जाएं और चित्रगुप्त का ध्यान करें।
- उन्हें तिलक लगाएं और पुष्प अर्पित करें।
- दीप जलाएं और मीठी का भोग लगाएं।
- चित्रगुप्त को प्रार्थना करें कि वे आपके कर्मों का सच्चा लेखा रखें और आपको जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायता करें।
निष्कर्ष
चित्रगुप्त हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वे न केवल हमारे कर्मों का लेखा रखते हैं बल्कि यह भी निर्धारित करते हैं कि मृत्यु के बाद हमारा क्या होगा। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आप उनकी उपरोक्त बताई गई सरल पूजा विधि का पालन कर सकते हैं।
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