सरस्वती मां को विद्या की देवी कहा जाता है। सरस्वती माता के पूजा हर साल बसंत पंचमी को किया जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह दिन देवी सरस्वती के जन्म दिन के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है।
इस दिन सभी शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। सभी लोग सरस्वती मां से आशीर्वाद मांगते हैं कि उन्हें जीवन में सुख समृद्धि मिले। वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा कोई साधारण पूजा नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म के लोग इसे एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में देखते हैं। कहा जाता है, कि सरस्वती पूजा करने से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं। बसंत त्यौहार पर पीले रंग का प्रभाव अधिक रहता है। बसंती रंग पीले रंग का होता है। पीला रंग ख़ुशी, समृद्धि, ऊर्जा और रोशनी का प्रतीक है। यह एक मुख्य कारण है, जिसकी वजह से लोग पीले रंग का वस्त्र धारण करते है।
माँ सरस्वती को संगीत की देवी भी कहा जाता है। इसलिए सभी कलाकार इस दिन को प्राथमिकता देते हुए सरस्वती पूजा को सम्पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाते है। छात्र और छात्राएं सरस्वती पूजा के दिन सुबह-सुबह नहा-धोकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और फिर प्रसाद ग्रहण करते हैं। सभी प्रकार के फल, अगरबत्ती, चन्दन, प्रसाद, लड्डू, पेडे इत्यादि भोग माँ के आगे लगाए जाते है। उनके चरणों में फूल अर्पित किये जाती है।
पौराणिक मान्यताएं
सरस्वती पूजा को वसंत पंचमी अथवा श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। वसंत पंचमी का यह त्यौहार प्राचीन समय से ही प्रचलित है।
पौराणिक कथाओ के मुताबिक इस दिन का इतिहास प्रसिद्ध कालिदास से जुड़ा हुआ है। कालिदास ने एक सुन्दर राजकुमारी से विवाह किया था। राजकुमारी ने उसकी निंदा की, जब उसे ज्ञात हुआ कि कालिदास बेवकूफ है।
कालिदास इससे आहत हुए और आत्महत्या करने के लिए जलाशय के पास गए। तभी देवी सरस्वती जल से प्रकट हुयी और उन्हें उस जल में डुबकी लगाने को कहा। कालिदास ने वैसे ही किया। उसके बाद से वह साहित्य से जुड़े श्रेष्ट कविताएं लिखने लगे और अपनी पत्नी को गलत साबित किया था। इसी तरह बसंत पंचमी को विद्या की देवी सरस्वती की लोग आराधना करते है।
Sarawati Puja images
Saraswati Mantra for success
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः ll
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि । विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
This completes Saraswati puja par nibandh in Hindi.