Navdurga

माँ चंद्रघंटा

माँ दुर्गा की 9 शक्तियों की तीसरी स्वरूपा भगवती चंद्रघंटा की पूजा नवरात्र के तीसरे दिन की जाती है. माता के माथे पर घंटे आकार का अर्धचन्द्र है, जिस कारण इन्हें चन्द्रघंटा कहा जाता है. इनका रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है. माता का शरीर स्वर्ण के समान उज्जवल है. इनका वाहन सिंह है और इनके […]

Shailputri Devi - worshipped on first day of Navratri.

Maa Shailputri

The first form of mother Durga among the nine is Shailputri. She has a half moon in her forehead; she is mounted on the bullock and holds a lance in her hand. She is known as Shailputri, because she has incarnated from Himalaya, the Emperor of mountains. Mounting a bullock the mother has a lance in

Maa Chandraghanta

The third manifestation of goddess Durga is Devi Chandraghanta and on the third day of the Navratri goddess Chandraghanta is worshipped by the devotees. Maa Chandraghanta rides on Tiger, who is endowed with intense anger and violence and is known by this name because bell shaped mark of moon is present on her forehead. She

Maa Katyayani

The sixth manifestation of Goddess Durga worshipped on Navratri Shasti is ‘Katyayani’. The goddess is known as Katyayani because she was born to Sage Katyayan. The sixth manifestation of Goddess Durga worshipped on Navratri Shasti is ‘Katyayani’. The goddess is known as Katyayani because she was born to Sage Katyayan. The appearance of Goddess Katyayani

Maa Brahmacharini

The second day of navratri or dwitiya day of shukla paksha of ashwin month is considered for the worship of maa Brahmacharini. on this day,  the moon is in Chitra Nakshtra. Brahma that is who observes penance(tapa) and good conduct. Here “Brahma” means “Tapa”. The idol of this Goddess is very gorgeous. There is rosary in

माँ कात्यायनी

माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है- कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर

माँ कालरात्रि – Maa Kalratri – Seventh form of Goddess Durga story in Hindi

दुर्गा जी का सातवां स्वरूप कालरात्रि है। इनका रंग काला होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहते हैं। असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए देवी दुर्गा ने अपने तेज से इन्हें उत्पन्न किया था। इनकी पूजा शुभ फलदायी होने के कारण इन्हें ‘शुभंकारी’ भी कहते हैं। देवी कालरात्रि को व्यापक रूप से

माँ ब्रह्मचारिणी

मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी जिसका दिव्य स्वरूप व्यक्ति के भीतर सात्विक वृत्तियों के अभिवर्दन को प्रेरित करता है। मां ब्रह्मचारिणी को सभी विधाओं का ज्ञाता माना जाता है। मां के इस रूप की आराधना से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम जैसे गुणों वृद्धि होती है। ब्रह्मचारिणी

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