ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः – The Important Mantra of Lord Chitragupta

चित्रगुप्त भगवान की उत्पत्ति

चित्रगुप्त भगवान हिंदू धर्म में देवताओं के एक सचिव हैं। वे भगवान यमराज के सचिव होते हैं और लोगों के कर्मों की जांच करते हैं। चित्रगुप्त भगवान का जन्म भगवान ब्रह्मा के मनस पुत्रों में से एक हैं।

चित्रगुप्त की उत्पत्ति के बाद, ब्रह्मा ने उन्हें दक्षिण दिशा के राजा बनाया था। उन्होंने यज्ञों की व्यवस्था की और लोगों के उपयोग के लिए भोजन तैयार किया।

एक दिन, चित्रगुप्त को भगवान यमराज ने अपने सचिव के रूप में नियुक्त किया। उन्हें कहा गया कि वे लोगों के कर्मों की जांच करें और उन्हें स्वर्ग या नरक के अनुसार दंड दें। चित्रगुप्त ने यमराज की अधिकृति में काम करते हुए, सभी लोगों के कर्मों की जांच की और उन्हें उनके योग्य स्थान पर भेजा।

ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः, जय चित्रांश

Chitragupta Story

हिंदुओं के हिन्दी संवत् मास चित्रमास है जो अपभ्रंश होकर चैत्रमास हो गया है। यह मास चित्रगुप्तजी के नाम से है। इसी चित्रमास के पूर्णिमा को चित्र (चित्रा) नक्षत्र में ब्रह्माजी जी द्वारा 11000 साल की तपस्या करने के उपरांत उनकी काया से श्री चित्रगुप्तजी भगवान मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट पर उत्पन्न हुए थे।

चित्रगुप्त मंदिर – उज्जैन

उज्जैन में ही काफी पौराणिक चित्रगुप्त मंदिर भी है जहाँ प्रसाद के रूप में कलम, दवात चढ़ाया जाता है जिससे प्रसन्न होकर श्री चित्रगुप्त भगवान अपने भक्तो को मनवांछित फल प्रदान करते हैं, साथ ही कायस्थ के चार तीर्थो में उज्जैनी नगरी में बसा श्री चित्रगुप्त भगवान का ये मंदिर पहले नंबर पर आता है।

Chitragupta

चित्रगुप्त पूर्णिमा

चित्रमास की पूर्णिमा चित्र पूर्णिमा अर्थात् चित्रगुप्त पूर्णिमा कही जाती है।

चित्रगुप्त मंदिर – कांचीपुरम्

कांचीपुरम् चेन्नई में चित्रगुप्तजी का प्राचीन मंदिर है। पूरे दक्षिण भारत में चित्र पूर्णिमा के दिन को चित्रगुप्तजी का जन्मदिन मनाया जाता है और चित्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा तक यम नियम का पालन किया जाता है। इस मास में केतु ग्रह की शान्ति करायी जाती है क्योंकि केतु ग्रह के अधिदेवता चित्रगुप्तजी हैं। इस पूरे मास को चित्रगुप्तजी के नाम से ही चितरई मास कहा जाता है।

Lord Chitragupta Temple at Kanchipuram



🚩जय श्री चित्रगुप्त नमः🚩

श्री चित्रगुप्त मंत्र

Chitragupta Mantra - mashibhajan sanyukta
Chitragupt puja mantra (shloka)
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